मवेशियों में टीकाकरण शेड्यूल

भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि का समर्थन करने के लिए भारत में विशाल पशुधन आबादी है। पशुधन के क्षेत्र के विकास में कई सीमित कारक यह है कि अधिकांश पशुधन को पालने वाले किसान हैं जो कि अपने जानवरों के अच्छे स्वास्थ्य और उत्पादकता को बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले सरकारी पैकेज और नई तकनीक के बारे में पूर्णतया अनजान है। पशु किसानों में जागरूकता इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। जानवरों के अच्छे स्वास्थ्य और उत्पादकता को बनाए रखने के लिए मवेशियों में टीकाकरण कार्यक्रम भी एक महत्वपूर्ण घटक है।

टीकाकरण के लिए महत्वपूर्ण घटक

  • पशु रोगों से पशुधन उद्योग को भारी नुकसान होता है। जानवरों की इन रोगों से रोगनिरोधी और रणनीतिक टीकाकरण द्वारा रक्षा संभव है।
  • नियमित टीकाकरण द्वारा रोकथाम इलाज से बेहतर है को साबित किया जा सकता है।
  • पशुओं को सुरक्षा देने के लिए टीकाकरण विशिष्ट आयु में और विशिष्ट रोग के खिलाफ निश्चित समय अंतराल पर किया जाता है।
  • टीकाकरण से कम से कम एक सप्ताह पहले पशु को कीड़े मारने की दवा देनी चाहिए।
  • रोग की व्यापकता के आधार पर टीकाकरण कार्यक्रम भिन्न होता है।
  • पशु में केवल निसंक्रमित डिस्पोजेबल सुई SC द्वारा टीकाकरण करना चाहिए।
  • टीकाकरण करने से पहले देख लेना चाहिए कि टीका की अवधि समाप्त नहीं हुई है।
  • टीकाकरण करने से पहले ये भी देख लेना चाहिए कि टीके की कोल्ड चेन नहीं टूटी है।
  • हमेशा वैक्सीन निर्माताओं द्वारा दिए गए निर्देश का पालन करना चाहिए।
  • वैक्सीन निर्माताओं द्वारा दिए गए टीके के मार्ग और खुराक पर निर्देश का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
  • टीकाकरण के बाद 21 दिन तक जानवरों को तनाव से बचाएं।
  • टीकाकरण के बाद 21 दिन तक जानवरों को एंटीबायोटिक दवा नही देनी चाहिए।
  • पशुओं में गर्भावस्था में भी टीकाकरण किया जा सकता है लेकिन गर्भावस्था के अंतिम माह में टीकाकरण नही करना चाहिए।

मवेशियों में टीकाकरण के लिए रूटीन प्रोफिलैक्टिक शेड्यूल

Cattle Vaccination Schedule

टीकाकरण की विफलता का सामान्य कारण

  • निर्माण के समय से टीकाकरण तक कोल्ड चेन के रखरखाव की कमी
  • पशु शरीर का कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र
  • पशु को संतुलित आहार नही मिलने से
  • पशु झुंड में केवल कुछ जानवरों को टीका लगाने से
  • वैक्सीन की खराब गुणवत्ता
  • अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा किया गया टीकाकरण

 

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डाॅ. राजेश कुमार

स्नातकोतर पशु चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान
पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर

डॉ. के. आर. शिंगल

पूर्व प्रादेशिक सह आयुक्त, पशुसंवर्धन, महाराष्ट्र सरकार
ईमेल आयडी – drkrshingal@gmail.com